समय का फेर
वक्त जब बुरा होता हैं तो कहते हैं आप का साया भी आपका साथ छोड़ देता हैं सच ही तो है परिस्थितिया बिलकुल विपरीत हो जाती हैं
अपने बेगाने हो जाते हैं व्यक्ति का बात करने का तरीका बदल जाता हैं व्यक्ति आप से दूरिया बना लेता हैं या फिर आप का मजाक बना देता हैं यदि आप से कोई छोटा हैं तो आपके सम्मान मैं कमी करदेता हैं यहा तक आप को उपदेश भी देता है चाहें वो खुद किसी योग्य न हो व्यगं करे बिना नही रहता वक्त जब बुरा होता हैं तो अच्छे अच्छो की पहचान हो जाती हैं
कौन अपना कौन पराया कौन कितना साथ दे सकता हैं कौन मझदार मैं छोड़ सकता हैं कौन आप को खून के आंसू रुला सकता हैं ये सारी बाते बुरे वक्त पर निर्भर करती हैं
इंसान का वक्त जब बुरा होता हैं तो चारो तरफ से असफलता सामने आती हैं
शायद भगवान भी परीक्षा लेते हैं कुछ लोग बुरे वक्त से घबराकर जीवन त्याग देते हैं कुछ लोग घर त्याग देते हैं कुछ लोग पागल हो जाते हैं कुछ बिमार हो जाते हैं और कुछ लोग हिम्मत से वक्त के साथ लड़ने की तेयारी करते हैं पर बुरा वक्त तो बुरा ही हैं क्योकि आदमी लड़ते लड़ते थक जाता हैं बुरा वक्त नही थकता आदमी को चाहिए की अच्छे वक्त का इंतज़ार करे निराश न हो चाहें वर्षो ही क्यों न लग जाये समय बदल ता हैं इश्वर की शक्ति को पहचाने उस पर भरोसा करे हो सकता हैं की हम सबसे ज्यादा दुखी हो पर ढूंढने पर पता चलेगा की आप से भी कोई ज्यादा दुखी हैं उसको देखकर आप को दुःख से लड़ने की शक्ति मिलेगी किसी का वक्त जब बुरा आता हैं तो किसी के लिए बिमारी लेकर आता हैं किसी के लिए पारिवारिक कलह कोई आर्थिक तंगी से परेशान कोई अपमान जनक स्थति मैं रहता हैं तो किसी को भगवान ये सारी तकलीफ एक साथ दे देता हैं
इन परिस्थितियों मैं वो ही व्यक्ति सफल होता हैं जो ईश्वर की शक्ति को अपनी ताकत बनाये हमारा पूरा विशवास हैं की तकलीफों मैं ही हिम्मत मिलेगी और बुरे वक्त मैं जीना आसान हो जायेगा कहते हैं कर्म ही कामधेनु प्रार्थन ही पारसमणी हैं।
( जो आप के भाग्य मैं नही हैं वो दुनिया की कोई भी शक्ति आप को दे नही शक्ति और जो आपके भाग्य मैं हैं वो दुनिया की कोई भी शक्ति आप से छीन नही सकती ईश्वरीय शक्ति सम्भव को असम्भव व् असम्भव को सम्भव बना सकती हैं )