Thursday, 22 March 2012

काँटो भरा जीवन





हर किसी के जीवन में फूल नहीं खिलते, जीवन ही बेरंग हो तो रंग नहीं मिलते 
माना कि हम मोहताज नहीं प्यार के पर क्यों दिल तड़प उठता है, पर क्यों बैचेनी होती है उसे पाने की जिसे पाना नामुमकिन है 


काँटो भरा जीवन मेरा पथरीली रांहे हैं इंसान भला क्या जाने इसे पाने का सुख या दुःख सब साथ छोड़ देते हैं वक़्त बदल जाने पर यही तो सच्चा साथी हैं जो हर पल साथ रहता है वो है दर्द दर्द दर्द 

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