छाले
दिल मैं दर्द के छाले आखों मैं सूखे हुए आंसू के सहारे वक्त काटेगें
होठों पर नकली मुस्कुराहट चेहरे पर द्रढ़ता लिए रह सकते हैं
कहते हैं न वक्त इंसान को मजबूत बना देता हैं हकीक़त मैं वक्त इंसान को तोड़ भी देता हैं, टूट कर बिखरने से अच्छा हैं सम्भल जाओ लड़खड़ाकर चलने से अच्छा हैं कर्म ( मेहनत) रूपी बैसाखी अपना लो.
मेहनत कर के आदमी धनवान बन सकता हैं शिक्षा पाकर आदमी बुद्धिमान बन सकता हैं पर एक अनमोल चीज़ ऐसी हैं जिसके लिए आदमी अपना सब कुछ खो देता हैं पर फिर भी वो उसे नहीं मिलता वो हैं प्यार और अपनापन.
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