रिश्ते
व्यक्ति उम्मीद करता हैं की सामने वाला उसको समझे मगर उसके लिए एक इंसान को दुसरे इंसान की भावना में खो जाना होगा पर यह असंभव तब है
जब पुरुष सीता जैसे पत्नी चाहे खुद रावण का रोल निभाए क्योंकि सीता जैसी पत्नी के लिए पहले राम बनना होगा, भाई लक्ष्मण-भरत जैसा चाहे खुद बाली बन जाये, भरत-लक्ष्मण जैसे भाई पाने के लिए खुद को राम बनना होगा दोस्त कृष्ण-सुदामा जैसा चाहे मगर इसके लिए खुद को कृष्ण बनना होगा नहीं तो द्रुपत और द्रोणाचार्य की भाति मित्रता का अंत होगा.
अच्छे माता पिता का आशीर्वाद के लिए आपको श्रवण कुमार बनना होगा वरना कंस की तरह विनाश को प्राप्त हो जाना तय हैं.
बहन देवकी जेसी चाहे और खुद कंस का रोल निभाए, इसके लिए आप को द्रोपती और कृष्ण के रिश्ते को निभाना होगा,
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