तलाश
गंमो के सागर मैं डूबी हुई हूँ मे ,अपने पन की खोज मे खोई हुई हूँ मे
दौलत की इस दुनिया मे कहा प्यार की खुसबू जहा भी मे जाऊं एक भेद सा मे पाऊं
दिल मे कितने छाले किसे मे अपना समझ कर दिखाउ जो हे अपना वो भी तो परायो सा लगता हैं
मेरे मुस्कुराते चेहरे को एक ख़ुशी का समुंदर समझता हैं।
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