* बसंत के मायने *
इस बसंत के मौसम में चारो और गोदावरी गुलमोहर सरसों के कई तरह के फुल खिलते महकते हैं चारो और अपनी सुन्दरता बिखेरते हैं।
एक हर भरा केसरिया सा उर्जावान खुशियों भरा त्योहारों भरा प्यार भरा ये बसंत अपने साथ लिए आता हें
व्यक्ति के व्यक्तित्व का लगता हैं सोच बदल जाती सरे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं शायद इसीलिए बसंत
कहते हैं बहार बनकर आता हैं वही दूसरी तरफ बसंत के मायने बदल जाते हैं खिलते फूलो का बिखर जाना
बिखर के टूट जाना तेज हवा और तूफानी हवा के झोकों से पेड़ो का उजड़ जाना पेड़ों पर लगे पत्तें डलिया फुल
सबका टूट के धरती पर बिखर जाना चारो तरफ तेज आंधी पतझड़ से तितर बितर होते वृक्ष उजड़ा चमन टूटते दिल एक दर्द का एहसास करा जाता हैं।
नकारात्मक सोच हो जाती हैं बसंत के मायने बदल जाते हैं बहार उसके लिए जहा जीवन में खुशिया हो पतझड़ उसके लिए जहा जीवन वीरान हो।*
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