ढकोसला या बोझ कहा श्रध्दा ?
हरतालिका तीज का व्रत मान्यता अनुसार सती गौरी शिव जी से विवाह करना चाहती हैं पर उनके पिता राजा दक्ष सती का विवाह शिव जी से नही करवाना चाहते चाहते तब सती गौरी भूख हडताल कर शिव जी से विवाह करने हेतु तपश्या करने वन मैं जाकर शिवजी का जाप करती अन्नजल फल निंद्रा सबकुछ त्याग देना तब जाकर घोर तपश्या के बाद शिवजी सती गौरा को प्राप्त हुए तभी से ये व्रत स्त्रिया अपने पति की लम्बी आयु व् सात जन्मो का साथ पाने के लिए इस इस व्रत को करती है।
पर हमने देखा हैं की कई स्त्रिया रात दिन झगड़ा करती रहती है परिवार में अशांत माहौल रखती हैं पति का जीना दुर्भर करती हैं पर फिर यह व्रत करती हैं इसी तरह कई महिलाये पति से परेशान है वह अपने पति के लिए व्रत करती हैं पर पति अपनी जिम्मेदारी पर खरे नही उतरते व् पत्नी को मानशिक शारीरिक व् आर्थिक रूप से परेशान करते हैं क्या इस तरह व्रत करके हम एक दुसरे को तकलीफ दे या फिर संकल्प ले की इस तरह के व्रत करने के बाद हम खुशिया न दे सके तो कम से कम तकलीफ तो न दे मनुष्य का जीवन एक बार मिलता हैं उसे अच्छी तरह जीना चाहिए न की रिश्तो के भोझ को ढ़ोते ढ़ोते दम घुट जाए जहाँ एक जन्म निभाना मुश्किल हैं वहा सात जन्म केसे निभा पाएंगे ? इसी जन्म को सार्थक करे " हम शिव पार्वती की पूजा करते हैं पर अनुसरण भी करे
हरतालिका तीज का व्रत मान्यता अनुसार सती गौरी शिव जी से विवाह करना चाहती हैं पर उनके पिता राजा दक्ष सती का विवाह शिव जी से नही करवाना चाहते चाहते तब सती गौरी भूख हडताल कर शिव जी से विवाह करने हेतु तपश्या करने वन मैं जाकर शिवजी का जाप करती अन्नजल फल निंद्रा सबकुछ त्याग देना तब जाकर घोर तपश्या के बाद शिवजी सती गौरा को प्राप्त हुए तभी से ये व्रत स्त्रिया अपने पति की लम्बी आयु व् सात जन्मो का साथ पाने के लिए इस इस व्रत को करती है।
पर हमने देखा हैं की कई स्त्रिया रात दिन झगड़ा करती रहती है परिवार में अशांत माहौल रखती हैं पति का जीना दुर्भर करती हैं पर फिर यह व्रत करती हैं इसी तरह कई महिलाये पति से परेशान है वह अपने पति के लिए व्रत करती हैं पर पति अपनी जिम्मेदारी पर खरे नही उतरते व् पत्नी को मानशिक शारीरिक व् आर्थिक रूप से परेशान करते हैं क्या इस तरह व्रत करके हम एक दुसरे को तकलीफ दे या फिर संकल्प ले की इस तरह के व्रत करने के बाद हम खुशिया न दे सके तो कम से कम तकलीफ तो न दे मनुष्य का जीवन एक बार मिलता हैं उसे अच्छी तरह जीना चाहिए न की रिश्तो के भोझ को ढ़ोते ढ़ोते दम घुट जाए जहाँ एक जन्म निभाना मुश्किल हैं वहा सात जन्म केसे निभा पाएंगे ? इसी जन्म को सार्थक करे " हम शिव पार्वती की पूजा करते हैं पर अनुसरण भी करे
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