Sunday, 1 April 2012


आस 
हम गम पीये जाते हैं और  ख़ुशी की आस  करते हैं, हम मरे जाते हैं पर  जिंदगी की आस  करते हैं.
दिल को टूटते हुए हमने देखा हैं फिर भी जिन्दादिल्ली  की बात करते हैं.
काँटों का दर्द सहा  हमने फिर भी दूर से फूलो की आस करते हैं.
अपनों ने ही धुतकारा हैं हमे मगर हम उन्हें अपना  बनाने की बात करते हैं.
भगवान को हमने बहुत पूजा पर दुनिया ने हमे पत्थर बना दिया मगर फिर भी  भगवान से हम दुआ की बात करते हैं.
आसू बहुत बहाए हमने हम मुस्कुराने की हैं बात करते हैं टूट कर बिखर गये हम मगर हम सम्भलने की बात करते .

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